turbinate hypertrophy disease

 

 

नाक की हड्डी बढ़ना : - नाक की हड्डी बढ़ने को वास्तव में चिकित्सीय भाषा में " टर्बिनेट हाइपरट्रॉफी " कहा जाता है । इस रोग में नाक के अंदर वायु मार्ग की सतह में टर्बिनेट नामक एक लम्बी बनावट होती है,जो नाक में प्रवेश करने वाली हवा को गर्म एवं नम बनाती  है;किन्तु टर्बिनेट मैं वृद्धि हो जाने से नाक में वायु जाने वाली हवा में गतिरोध आ जाता है। इसी समस्या को आमतौर पर नाक की हड्डी बढ़ना कहा जाता है। नाक में हड्डी बढ़ जाने से सांस लेने में परेशानी ,इंजेक्शन एवं यदा-कदा खून आने लगते हैं,जो स्वास्थ्य के लिए काफी खतरनाक सिद्ध होता है ।कभी-कभी तो यह जानलेवा भी सिद्ध हो जाता है।इसलिये इसे नजरअंदाज नहीं करना चाहिये
लक्षण : - नाक में इन्फेक्शन,सांस लेने में दिक्कत,नाक से खून आना,खर्राटे लेना,नाक बहना,सूंघने की क्षमता में कमी,नाक बन्द लम्बे समय तक होना,मुंह से सांस लेने से मुंह का सूखना,हमेशा सर्दी- जुकाम होना आदि नाक में हड्डी बढ़ने के प्रमुख लक्षण हैं।
कारण : - अधिक समय तक साइनस की सूजन,वातावरण में उपस्थित कुछ उत्तेजित करने वाले पदार्थ,मौसम में होने वाली एलर्जी,नशे की आदत,ड्रग्स लेना,हार्मोनल असन्तुलन,शरीर के तापमान में बदलाव,गर्भवस्था,उम्र बढ़ना,आनुवांशिक एवं जन्मजात कारण आदि नाक की हड्डी बढ़ने के मुख्य कारण हैं।
उपचार :- (1) नाक में लैवेंडर,पुदीन,नीम्बू,पाइन और लौंग के तेल की कुल बूंदें प्रतिदिन नाक में डालने से नाक की हड्डी का बढ़ना रोग ठीक हो जाता है ।
(2) एक या दो चम्मच सिरका पानी में डालकर गर्म करके उसका भाप प्रतिदिन लेने से  नाक का हड्डी बढ़ना रोग ठीक हो जता है।
(3) लेमन बाम का प्रतिदिन नाक के आसपास के हिस्से में लगाने से नाक की हड्डी बढ़ना रोग समाप्त हो जाता है।
(4) प्याज के रस की एक या दो बूंदें प्रतिदिन नाक में डालने से नाक का हड्डी बढ़ना दूर हो जाता है।
(5) शहद एवं नींबू रस को मिलाकर नाक के ऊपर लेप करने से भी नाक की हड्डी का बढ़ना ठीक हो जता है।
(6) नाक में प्रतिदिन सरसों तेल की दो या तीन बूंदें नियमित रुप से डालने से नाक की हड्डी का बढ़ना ठीक हो जता है ।
(7) अडुसा के फलों के रस की एक -दो बूंदें प्रतिदिन नाक में डालने से नाक की हड्डी बढ़ने का रोग ठीक हो जाता है।
(8) नाक में प्रतिदिन गाय के घी की कुछ बूंदें डालने से नाक की हड्डी का बढ़ना ठीक हो जाता है।
प्राणायम एवं आसन : - अनुलोम - विलोम,कपालभाति,भ्रामरी,उज्जई,जलनेति,सूत्रनेति आदि। 



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